संसद में Ravi Kishan का भोजपुरी अंदाज़:एक नई पहचान की झलक

संसद में Ravi Kishan का भोजपुरी अंदाज़: एक नई पहचान की झलक

भारतीय राजनीति में अपने अभिनव तरीकों से पहचान बनाने वाले अभिनेता और सांसद रवि किशन का भोजपुरी अंदाज़ इन दिनों चर्चा का विषय बन चुका है। वे ना केवल अपनी फिल्मों और अभिनय के लिए प्रसिद्ध हैं, बल्कि संसद में भी अपने अनोखे तरीके से बात करने के कारण सुर्खियों में रहते हैं। हाल ही में, जब वह संसद में अपनी बात रख रहे थे, तो उनके भोजपुरी अंदाज़ ने सभी को चौंका दिया और उनकी अपनी मातृभाषा के प्रति गहरी निष्ठा को दर्शाया। रवि किशन का यह अंदाज़ संसद की दीवारों के भीतर एक नई ऊर्जा और आत्मीयता लेकर आया।

भोजपुरी भाषा की अहमियत

रवि किशन का भोजपुरी में बोलना न केवल उनके व्यक्तिगत जुड़ाव को दिखाता है, बल्कि यह भारतीय भाषाई विविधता और सांस्कृतिक धरोहर को सम्मान देने का एक तरीका भी है। भोजपुरी भारत के पूर्वी हिस्से, खासकर उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में बोली जाती है, और यह भाषा लाखों लोगों की मातृभाषा है। भोजपुरी भाषा में बात करने वाले लोग अपने भाषा, संस्कृति और परंपराओं पर गर्व करते हैं। रवि किशन ने संसद में इस भाषा का प्रयोग कर यह साबित किया कि मातृभाषा में संवाद करना न केवल सहज होता है, बल्कि इससे आत्मीयता और स्थानीय जड़ों से जुड़ाव भी मजबूत होता है।

संसद में Ravi Kishan की भोजपुरी बातचीत

जब रवि किशन ने संसद में अपनी बात रखी, तो उन्होंने एक बहुत ही दिलचस्प और अनौपचारिक अंदाज़ अपनाया। उनके इस अंदाज़ में उनका आत्मविश्वास और अपनी संस्कृति के प्रति प्यार स्पष्ट था। उन्होंने कहा, “इतना अचीवमेंट कइसे गिनवाएंगे कम समय में, दु-तीन घंटा द हमके!” इस तरह से उन्होंने न केवल अपनी बात को मजेदार तरीके से पेश किया, बल्कि यह भी जाहिर किया कि समय की कमी के बावजूद, वह अपनी बातों को स्पष्ट रूप से और सहजता से व्यक्त करना चाहते थे।

उनकी यह बात न केवल उनके सहयोगियों को मुस्कुराने पर मजबूर कर दी, बल्कि यह भी दिखाया कि वह एक अभिनेता के रूप में अपनी ज़िंदगी और अनुभवों को संसद में भी उसी ऊर्जा और जोश के साथ पेश करते हैं, जैसा कि वह फिल्मों में करते हैं। इस संवाद के दौरान उनका भोजपुरी भाषा में होना एक नई हलचल का कारण बना। इसके साथ ही रवि किशन ने सांसद जगदंबिका पाल से भी भोजपुरी में संवाद किया, जो संसद में एक नई नज़ाकत का प्रतीक था।

जगदंबिका पाल ने उनके भोजपुरी अंदाज़ का जवाब देते हुए कहा, “होई गईल, बहुल आ गईल”, जो न केवल विनम्रता का प्रतीक था, बल्कि एक सशक्त संवाद का भी हिस्सा था। इस छोटे से संवाद ने दोनों के बीच की आत्मीयता और आपसी समझ को प्रदर्शित किया। यह एक उदाहरण था कि कैसे राजनैतिक संवाद और सांस्कृतिक विविधता को एक साथ लाया जा सकता है।

रवि किशन और भोजपुरी सिनेमा

रवि किशन का भोजपुरी सिनेमा से गहरा संबंध रहा है। उन्होंने भोजपुरी फिल्मों में अपने अभिनय से एक नया आयाम दिया है और इस इंडस्ट्री को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। उनकी फिल्मों की लोकप्रियता ने न केवल भोजपुरी सिनेमा के दर्शकों की संख्या बढ़ाई है, बल्कि इस क्षेत्र में कई युवा कलाकारों को भी प्रेरित किया है। रवि किशन ने हमेशा अपने अभिनय के माध्यम से भोजपुरी संस्कृति, उसकी बोल-चाल, और उसकी संवेदनाओं को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित किया है।

संसद में उनकी भोजपुरी में बातचीत यह दिखाती है कि वह अपनी मातृभाषा को लेकर कितने गर्वित हैं। रवि किशन का मानना है कि भाषा केवल संवाद का साधन नहीं, बल्कि यह किसी व्यक्ति की पहचान और संस्कृति का अहम हिस्सा है। इसलिये वे हर मंच पर अपनी भोजपुरी को प्राथमिकता देते हैं और इसका सम्मान करते हैं।

सांसद के रूप में Ravi Kishan

रवि किशन ने अभिनय से राजनीति की ओर कदम बढ़ाया और भाजपा पार्टी के सदस्य के रूप में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से सांसद बने। उनका राजनीति में आना कोई सामान्य घटना नहीं थी। अभिनेता से सांसद बनने के बाद रवि किशन ने राजनीति को एक नए दृष्टिकोण से देखा। वह अपनी फिल्मों के अनुभवों को भी संसद में लाने की कोशिश करते हैं, जिससे वह जनता से और करीब से जुड़ सकें। उनकी यह शैली न केवल जनता के बीच में विश्वास का निर्माण करती है, बल्कि यह दिखाती है कि वह अपने क्षेत्र और समाज के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं।

रवि किशन का भोजपुरी में बोलना एक आदर्श उदाहरण है कि कैसे एक व्यक्ति अपनी संस्कृति और भाषा को महत्व देते हुए उच्च मंचों पर भी प्रभावी ढंग से संवाद कर सकता है। उनका यह अंदाज़ संसद की परंपराओं और राजनीति में एक ताजगी लेकर आया है। उनके द्वारा भोजपुरी का प्रयोग यह दर्शाता है कि भारतीय राजनीति में अपनी जड़ों से जुड़े रहकर भी बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं। यह सिर्फ एक अभिनेता का सांसद बनने का नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक गर्व का प्रतीक है जो भारतीय राजनीति को और भी समृद्ध बनाता है।

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