Krishna Janmashtami 2023 I श्रीकृष्ण जन्माष्टमी से जुड़े रोचक तथ्य।

Krishna Janmashtami 2023 I श्रीकृष्ण जन्माष्टमी से जुड़े रोचक तथ्य।

krishna janmasthami/ hinditv.in
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कृष्ण जन्माष्टमी, भारतीय हिन्दू धर्म के एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के अवसर पर मनाया जाता है। यह त्योहार हर साल हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की आष्टमी को मनाया जाता है।इस साल 2023 में जन्माष्टमी 6 और 7 सितम्बर को मनाया जाएगा। निम्नलिखित कुछ रोचक तथ्य हैं जो कृष्ण जन्माष्टमी से जुड़े हैं:

  1. कृष्ण जन्मस्थल: भगवान श्रीकृष्ण का जन्म स्थल मथुरा है, जो उत्तर प्रदेश में स्थित है। वहां के श्रीकृष्ण जन्मस्थल मंदिर महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल हैं जो जन्माष्टमी के दिन लाखों भक्तों के द्वारा दर्शन किए जाते हैं।
  2. धारावी में जन्माष्टमी: मुंबई के धारावी क्षेत्र में भी कृष्ण जन्माष्टमी का बड़ा धार्मिक उत्सव मनाया जाता है। धारावी गणेश मंडल के द्वारा आयोजित जन्माष्टमी कार्यक्रम बहुत प्रसिद्ध हैं।
  3. धाही हांडी: जन्माष्टमी के दिन, एक विशेष प्रकार की मिश्रण बनाया जाता है, जिसे “धाही हांडी” कहते हैं। इसमें दही, मिल्क, मक्खन, और घी होते हैं, और इसे श्रीकृष्ण को खिलाया जाता है। श्रीकृष्ण ने बचपन में मक्खन चुराया था, इसलिए इस प्रकार का खाना उसके स्मृति में किया जाता है।
  4. धार्मिक कथाएँ: श्रीकृष्ण के जन्म के बारे में कई प्रसिद्ध कथाएँ हैं, जैसे कि उनके माता-पिता वासुदेव और देवकी को कैंस के करण उनके जन्म के बाद ही उनके पास जाने की आवश्यकता थी और कैंस के भय से वह वृंदावन चले गए थे। वहीं, उनका बचपन गोपियों के साथ माखन चोरी करने के घटनाओं से भरपूर था।
  5. रासलीला: जन्माष्टमी के दिन, भक्त श्रीकृष्ण की रासलीला का आयोजन करते हैं, जिसमें वह गोपियों के साथ रास रचते हैं। यह एक पारंपरिक नृत्य प्रदर्शन होता है और भगवान के भक्तों के बीच एक अत्यंत प्रिय आयोजन होता है।
  6. धार्मिक आराधना: जन्माष्टमी के दिन भक्त श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना करते हैं और उनके भगवद गीता के उपदेशों का स्मरण करते हैं।
  7. दही हांडी तोड़ना: जन्माष्टमी के दिन एक पारंपरिक खेल होता है जिसमें युवक एक ऊँट की पीठ पर बैठकर ऊँट की पांवनी पर धाही हांडी को तोड़ने का प्रयास करते हैं। इसके लिए वे पूरी कोशिश करते हैं और बहुत ही मजेदार दृश्य बनते हैं।
  8. मिथाइयाँ: जन्माष्टमी के दिन विभिन्न प्रकार की मिठाइयाँ बनाई जाती हैं, जैसे कि माखन मिश्रित मिठाई, पेड़े, गोपी जैसी चमकीली शक्लों की मिठाइयाँ, और मिठाई के पारम्परिक उपहार।
  9. धनुर्वेद पूजा: इस दिन, धनुर्वेद पूजा भी की जाती है, जिसमें बच्चे एक धनुष (बो) की पूजा करते हैं, जिसका संकेत भगवान कृष्ण के धनुर्वेद खेल के रूप में माना जाता है।
  10. जानवास्य पूजा: कुछ स्थानों पर, श्रीकृष्ण के जन्माष्टमी के दिन जानवास्य पूजा की जाती है, जिसमें भगवान के लिए एक छोटे से बच्चे के रूप में पूजा की जाती है।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाने वाला त्योहार है और इसे खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह एक मानवता, प्रेम, और भक्ति का संदेश भी प्रस्तुत करता है।

Krishna Janmashtami कब है?

कृष्ण जन्माष्टमी हर साल हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की आष्टमी को मनाया जाता है।इस साल 2023 में जन्माष्टमी 6 और 7 सितम्बर को मनाया जाएगा।

कृष्णा जन्माष्टमी पर सरकारी छूटी होती है या नही?

कृष्ण जन्माष्टमी के दिन की सरकारी छुट्टी भारत के विभिन्न राज्यों और संघ क्षेत्रों में अलग-अलग हो सकती है। यह राज्य और स्थानीय सरकारों की नीतियों और प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है।

कुछ राज्यों में, कृष्ण जन्माष्टमी को सरकारी छुट्टी के रूप में मनाया जा सकता है, जबकि कुछ राज्यों में यह एक आम दिन होता है और सरकारी छुट्टी नहीं होती। इसलिए, जन्माष्टमी के दिन की सरकारी छुट्टी की जानकारी प्रादेशिक और स्थानीय सरकारों के आदर्शों पर निर्भर करेगी, और आपके निवास के स्थान पर भी अलग हो सकती है।

आपको अपने स्थानीय सरकार की वेबसाइट या सरकारी अधिकारियों से जांच करनी चाहिए कि कृष्ण जन्माष्टमी के दिन की सरकारी छुट्टी की जानकारी क्या है।

कृष्ण जन्माष्टमी को कैसे सेलिब्रेट किया जाता है।

krishna janmasthami को कैसे सेलिब्रेट किया जाता है।
krishna janmasthami को कैसे सेलिब्रेट किया जाता है।

भारतीय सभ्यता में धर्म और त्योहारों का महत्व हमेशा से होता आया है। इन त्योहारों के साथ आध्यात्मिकता, संस्कृति, और सामाजिक एकता का भी पर्व होता है। इसी तरह का एक खास त्योहार है “कृष्ण जन्माष्टमी,” जो भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस त्योहार को देश भर में उत्सवित किया जाता है और यह विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के साथ मनाया जाता है।

कृष्ण जन्माष्टमी के अद्वितीय तरीके:

  1. मंदिर में पूजा और आराधना: कृष्ण जन्माष्टमी का प्रमुख आयोजन मंदिरों में होता है। भक्त भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति के सामने पूजा और आराधना करते हैं। धार्मिक ग्रंथों के पाठ, भजन, और कीर्तन इस माहौल को और भी आत्मिक बनाते हैं।
  2. रासलीला: इस त्योहार के अवसर पर, युवक और गोपियाँ रासलीला के रूप में भगवान श्रीकृष्ण के रास लीला का आयोजन करते हैं। इसमें वे गोपियों के साथ रास नृत्य करते हैं, जिसमें भगवान की लीलाएँ और माखन चोरी की कहानियाँ प्रस्तुत की जाती हैं।
  3. धाही हांडी: एक आदतिक रूप से, धाही हांडी को तोड़ने का प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। युवक धाही हांडी को छूने का प्रयास करते हैं और इसमें सफल होने का प्रयास करते हैं।
  4. भजन और कीर्तन: भजन और कीर्तन इस त्योहार का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। भक्तगण गीतों में भगवान की महिमा और कार्यों की महत्वपूर्ण कहानियों का गान करते हैं, जिससे वे आध्यात्मिकता में लीन होते हैं।
  5. सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ: कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर, भिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और नृत्य प्रदर्शनों का आयोजन किया जाता है। यह आयोजन स्थानीय कला और सांस्कृतिक धरोहर को प्रमोट करते हैं।
  6. सेवा और दान: कृष्ण जन्माष्टमी के दिन, लोग गरीबों और जरूरतमंदों को आहार और सामग्री दान करते हैं। यह भगवान के आदर्शों के अनुसरण का एक माध्यम है और सामाजिक न्याय की दिशा में एक कदम होता है।

निष्कर्ष:

कृष्ण जन्माष्टमी एक धार्मिक त्योहार होने के साथ-साथ भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का भी हिस्सा है, जिसमें भक्ति, आदर्श, और सेवा का संदेश छिपा होता है। यह त्योहार हर वर्ग के लोगों के लिए खुशियों का एक सुनहरा मौका होता है और सामाजिक एकता की भावना को मजबूत करता है।

Krishna Janmashtami की पूजा घर पे कैसे करे।

Krishna Janmashtami
Krishna Janmashtami

कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा घर पर बड़े ही धूमधाम से की जाती है और इसके दौरान विशेष रूप से भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। यहां कुछ आम चरण हैं जो आपको कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा करने में मदद कर सकते हैं:

  1. पूजा के लिए सामग्री: पूजा के लिए आवश्यक सामग्री को तैयार करें, जैसे कि श्रीकृष्ण की मूर्ति, धूप, दीपक, फूल, फल, नैवेद्य (भोग), चादर, तुलसी की पत्तियां, और पूजा की अन्य आवश्यक सामग्री।
  2. मंत्र और भजन: पूजा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण के मंत्र जपें और उनके भजन गाएं। “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” और “हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे” जैसे मंत्र और भजन पूजा के अवसर पर पढ़े जा सकते हैं।
  3. श्रृंगार: भगवान कृष्ण की मूर्ति को श्रृंगारित करें, जैसे कि बालक रूप में पहनाने के लिए वस्त्र, मुकुट, माला, और आभूषण।
  4. आरती: पूजा के दौरान आरती दर्शन कराएं। आरती की गान करते समय दीपक को भगवान कृष्ण के सामने घुमाएं और फिर सभी घरवाले आरती को प्रशंसा करें।
  5. नैवेद्य: भगवान कृष्ण को पसंदीदा भोग चढ़ाएं, जैसे माखन, पानीर, पेड़े, फल, और मिठाई।
  6. व्रत और उपवास: कुछ लोग इस दिन उपवास करते हैं, जिसमें व्रत के दौरान खाने पीने की विशेष सावधानियां रखनी चाहिए।
  7. रासलीला: यदि आपके पास सम्प्रदायिक रूप से रासलीला का आयोजन करने की संभावना है, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ मनाएं।
  8. भगवद गीता पाठ: कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवद गीता का पाठ करना भी अच्छा विचार है, क्योंकि यह भगवान कृष्ण के उपदेशों का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

इन चरणों का पालन करके, आप अपने घर पर कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा का आयोजन कर सकते हैं और इस पवित्र त्योहार को ध्यान, भक्ति, और प्रेम के साथ मना सकते हैं।

 

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