हिरोशिमा दिवस:2023, 06 August अमेरिका और जापान का युद्ध :

हिरोशिमा दिवस 2023, 06 August अमेरिका और जापान का युद्ध

hiroshima day
hiroshima day

हिरोशिमा दिवस, 6 अगस्त 1945 को होने वाला एक ऐतिहासिक दिन है जिसे पूरी दुनिया भूल नहीं सकती। यह दिन उस समय के दौरान के वह दर्दनाक चेहरे को स्मरण कराता है, जब अमेरिका और जापान के बीच हुए युद्ध की वजह से हिरोशिमा शहर पर एक परमाणु बम गिराया गया था।

दूसरी विश्व युद्ध के समय, 1945 में, दोनों पक्षों के बीच युद्ध की गहरी घटनाएं चल रही थीं। जापान एक जानलेवा संघर्ष के बीच था जहां वे अमेरिका के द्वारा गुंडागर्दी का शिकार बन गए थे। इस उत्साहपूर्ण संग्राम में जापान की सैन्य और राष्ट्रीय संसाधनों का संक्षेपण सामर्थ्य होने के कारण, वे समर्थ रूप से अपनी सेना को समर्थन नहीं कर पा रहे थे। इसलिए, जापान के संबंधित राजनैतिक नेतृत्व ने अमेरिका के बिगुल बजने पर घुटने टेक लिए और 1945 के अगस्त महीने में जापान की अन条件ल सराहना कर दी।

विरोध के बावजूद, अमेरिका ने अपने एक्सपर्टों द्वारा विश्वास रखकर जापान को प्रभावित करने के लिए एक परमाणु बम डिज़ाइन किया और उसे जापान के सबसे बड़े शहर हिरोशिमा के ऊपर गिराया गया। वह बम इतनी भयानक ताक़त रखता था कि उसके फटने की धड़कन तभी रुक गई जब हिरोशिमा शहर और उसके आस-पास के इलाके खतरे में आए।

1945 के अगस्त 6 को, उस भयानक समय पर, उस परमाणु बम ने हिरोशिमा को एक ज्वालामुखी की तरह बदल दिया। बम गिरते ही एक तेज़ और तीखी धड़कन सुनाई दी, और स्थानीय लोग भयभीत होकर भागने की कोशिश करते थे, लेकिन दर्दनाक भय के बीच उन्हें इस संघर्ष से बाहर निकलने का कोई भी मौका नहीं मिला।

इस भयानक घटना में, लाखों लोगों को मौत के घातक झटके ने अपने जीवन की हार्दिक्यता की मारी थी। ज़िंदगी की इस खूबसूरत उम्मीद को काट दिया गया था, और जापान के इतिहास में एक काल का अंत हो गया था।

क्या हिरोशिमा पर परमाणु बम का गिराना रोका जा सकता था?

Atom bomb on hiroshima
Atom bomb on hiroshima

हां, हिरोशिमा पर परमाणु बम का गिराना रोका जा सकता था, लेकिन इस समय के विशेष परिस्थितियों में विकल्प बहुत मुश्किल थे।

दूसरी विश्व युद्ध के दौरान, जापान और अमेरिका के बीच एक घातक युद्ध चल रहा था। जापान उस समय एक संघर्षशील देश था और अमेरिका ने इसे शीघ्र हाराने के लिए विभिन्न उपाय अपनाए। एक ऐसा विकल्प था परमाणु बम का विकसित करना, जो एक अध्यात्मिक विनाशकारी ताक़त था। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने जापान के साथ युद्ध के तेजी से समाप्त होने के लिए इस विकल्प को चुना।

हिरोशिमा शहर को बम गिराने का फैसला लेने के पीछे कई कारण थे, जैसे कि जापान के इस्तेमाल की जाने वाली संघर्षशीलता को कम करना, अमेरिका की दिखाई गई ताक़त को प्रमाणित करना, और जापान को शीघ्रतापूर्वक समझदारी के माध्यम से युद्ध से वापसी करवाना।

बम गिराने का निर्णय करने के बाद अमेरिका ने इसे नागरिकों को सावधान करने और अधिक से अधिक नुकसान से बचने की कोशिश की, लेकिन इस ताक़त को रोकना संभव नहीं था। इसलिए, वे बम को विश्व के लिए एक सबक बनाने के लिए इस्तेमाल करने का निर्णय लिया गए।

हिरोशिमा एटम बम युद्ध में किसकी गलती थी?

हिरोशिमा में एटम बम की घटना दूसरे विश्व युद्ध (वर्ल्ड वॉर II) के समय घटी थी और यह एक विचारशील युद्ध नीति का हिस्सा था। युद्ध के समय अमेरिका (संयुक्त राज्य अमेरिका) और जापान दोनों ही मुख्य देश थे जो इस घातक संघर्ष में शामिल थे।

अब बात करें गलती की, तो हिरोशिमा में एटम बम का प्रयोग करके शहर को नष्ट करने का फैसला अमेरिका की तरफ से लिया गया था। इसका उद्देश्य जापान की शक्ति को खत्म करके उसे शांतिपूर्ण समझौते के लिए मजबूर करना था। हिरोशिमा शहर का चयन युद्ध के लिए किया गया था क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण संसाधनों का केंद्र था और जापान के राष्ट्रीय नेताओं के कारणों में से एक था।

1945 के 6 अगस्त को, अमेरिकी वायुसेना ने एक मुख्य निशान (Primary Target) के रूप में हिरोशिमा शहर का चयन किया और उस पर एटम बम गिराया गया। इस घटना के परिणामस्वरूप, हिरोशिमा शहर पूर्णतया नष्ट हो गया और हजारों लोगों की जान गई।

इस कठिन समय में, युद्ध के प्रभाव के कारण, कानून और सीमाएं धूल गई थीं, और जापान के समर्थन में संभव उपाय कम थे। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा परामर्शदाता ने जापान के साथ युद्ध के शीघ्र समाप्ति के लिए एटम बम का उपयोग करने का निर्णय लिया।

इस युद्ध के परिणाम:

दूसरे विश्व युद्ध (वर्ल्ड वॉर II) के अंतर्गत होने वाले युद्ध के परिणामस्वरूप विश्वभर महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए थे। इस युद्ध ने विश्व को गहरे दर्दनाक परीक्षणों से गुजारने के लिए मजबूर किया और समाजवादी तत्वों को सुप्रभावित किया।

युद्ध के परिणामस्वरूप यूरोप में नाजी जर्मनी के हार के चलते यूनाइटेड स्टेट्स और सोवियत संघ की शक्ति का विकास हुआ। जर्मनी और जापान को विजयी देशों द्वारा नष्ट किया गया था जो अमेरिका, सोवियत संघ, ब्रिटेन, और दूसरे भारतीय राष्ट्रों की सहयोग से हुए। इससे जर्मनी का भू-राजनीतिक खंडन कर दिया गया और जापान को न्यायिक युद्ध के माध्यम से समझौते पर मजबूर किया गया।

इस युद्ध के परिणामस्वरूप दूसरे विश्व युद्ध के बाद यूरोप और जापान को अच्छी रूप से सुधारा गया और विश्व भर में शांति और विकास की भावना को प्रोत्साहित किया गया। यह युद्ध विश्व को एक सच्चे विकल्प का सामना करने पर मजबूर किया और सामर्थ्य और सहयोग के बढ़ते महत्व का परिचय कराया। इससे यह संदेश मिलता है कि हिंसा, संघर्ष और भेदभाव के स्थान पर हमें शांति, समझौता और सहयोग के मार्ग पर चलना चाहिए।

निष्कर्ष-

यह घटना मानव इतिहास में एक अत्यंत दुखद और चिंताजनक घटना थी, और यह सबक सिखाती है कि युद्ध और हिंसा के मार्ग पर चलने से कितने बड़े विनाश का सामना करना पड़ता है। इसलिए, हमें आगे बढ़कर शांति और समझौते की दिशा में प्रयास करना चाहिए ताकि हम एक संयुक्त, प्रेमपूर्ण, और सुरक्षित विश्व का निर्माण कर सकें।

हिरोशिमा बम का गिरना दुनिया के इतिहास में एक दर्दनाक घटना रहा है और इससे दुनिया भर के लोगों को एक समझौते और शांति की तलाश करने की आवश्यकता को आगाह किया गया है। इससे हमें एक बेहतर भविष्य के लिए सामर्थ्य और सहयोग विकसित करने की ज़रूरत है जो भविष्य की सुरक्षा और समृद्धि को सुनिश्चित करेगा।

हिरोशिमा दिवस को विशेष रूप से ध्यान में रखकर हमें यह सोचना चाहिए कि युद्ध का मूल्य और विनाशकारी शक्ति क्या हैं। इस दिन को समझने का मकसद यह है कि हम सभी शांति, सौहार्द और सहयोग के माध्यम से संसार को एक मित्राभिनंदना बनाएं, और नास्तिकता और हिंसा के मार्ग पर न चलें।

यह भी याद रखना आवश्यक है कि एक बड़े और भयानक ताक़त से लड़ने के लिए हमें सामर्थ होने के साथ-साथ समझदारी और समरसता की भावना की भी ज़रूरत है। भविष्य की सुरक्षा और विकास के लिए हमें एक-दूसरे के साथ सहयोग करने की आवश्यकता है ताकि हम इस प्रकार की भयानक घटनाओं को पूरी तरह से रोक सकें।

इसलिए, हिरोशिमा दिवस को अमेरिका और जापान के बीच हुए युद्ध के संदेश के रूप में देखने के लिए हमें समय-समय पर सोचना चाहिए, और एक समझौता और प्रेम भरे विश्व के लिए प्रयास करना चाहिए। इससे हम न केवल अपने बल्कि पूरे मानवता के लिए एक बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।

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